ना कर मोहब्बत, तेरे बस की बात नहीं...
वो दिल मोहब्बत करते हैं, जो तेरे पास नहीं..
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह...
मगर खामोश रहता हूँ, अपनी तकदीर की तरह...
यूँ ही नही आता ये शेर-ओ-शायरी का हुनर,
कुछ खुशियाँ गिरवी रखकर जिंदगी से दर्द खरीदा है।
ऐ इश्क सुना था के तू अँधा है,
फिर रास्ता मेरे दिल का तुझे बताया किसने ?
तेरी यादों की कोई, सरहद होती तो अच्छा था,
खबर तो होती कि, सफ़र कितना तय करना है..!!
ज़िन्दगी में प्यार का पौधा लगाने से पहले जमीन परख लेना,
हर एक मिट्टी की फितरत में वफा नही होती !
जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको,
हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं ।
अबकी बार तुमसे मिलते तो आँखे बन्द ही रखेँगेँ...
ये बातुनी पलके कुछ बोलने नही देती...
मैं लब हूँ, मेरी बात तुम हो ,
मैं तब हूँ , जब मेरे साथ तुम हो।
वो छा गये है कोहरे की तरह मेरे चारो तरफ,
न कोई दूसरा दिखता है ना देखने की चाहत है..!!!
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