जिसका वजूद नहीं, वह हस्ती किस काम की,
जो मजा न दे, वह मस्ती किस काम की,
जहाँ दिल न लगे, वो बस्ती किस काम की,
हम आपको याद न करें, तो फिर ये मोहब्बत किस काम की।
जो मजा न दे, वह मस्ती किस काम की,
जहाँ दिल न लगे, वो बस्ती किस काम की,
हम आपको याद न करें, तो फिर ये मोहब्बत किस काम की।
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