सब लोग मंज़िल को मुश्किल मानते हैं,
हम तो मुश्किल को मंज़िल मानते हैं,
बहुत बड़ा फर्क है सब में और हम में,
सब ज़िंदगी को दोस्त और हम दोस्त को ज़िंदगी मानते हैं।
हम तो मुश्किल को मंज़िल मानते हैं,
बहुत बड़ा फर्क है सब में और हम में,
सब ज़िंदगी को दोस्त और हम दोस्त को ज़िंदगी मानते हैं।
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