उस अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर भी चाहत का इकरार क्यों है,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है।
इंकार करने पर भी चाहत का इकरार क्यों है,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है।
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