इन जख्मों को भरने में लगेंगे कई मौसम,
अभी तुमको भूलने में लगेंगे कई मौसम..
तेरे इश्क में ये बहार एक पल में उजड़ गई,
अब फूलों को खिलने में लगेंगे कई मौसम..
सदमे मिले हैं जिनको दुनिया में बेवफाओं से,
उनके आंसुओं को गिरने में लगेंगे कई मौसम..
मुझे अपनी तो परवाह नहीं मगर तेरी बहुत है,
इस फितरत को मिटने में लगेंगे कई मौसम...
Post Top Ad
Responsive Ads Here

Tags
# Sad shayari
Share This
About Shivam Upadhyay
Sad shayari
लेबल:
Sad shayari
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Post Bottom Ad
Responsive Ads Here
Author Details
Shayari ki Duniya me chala gya hu.app bhi chale jayiye
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें